Advaita Vedānta: Siddhāntabindu ke āloka meṃ

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Satyam Pabliśiṅga Hāusa, 2009 - Advaita - 272 pages
Study of Siddhāntabindu of Madhusūdana Sarasvatī, being the exegesis of Daśaślokī of Śaṅkarācārya, work on Advaita Vedanta philosophy.

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अतः अथवा अद्वैत वेदान्त अधिष्ठान अध्यास अनुमान अन्तःकरण अपने अभाव अर्थ अर्थात् अवस्था अविद्या आचार्य मधुसूदन सरस्वती आत्मा आदि इत्यादि इस प्रकार इसलिए इसी ईश्वर उत्पन्न उपाधि उस उसी एक एवं ऐसा करते करने कहते हैं कहा जाता कहा है का किन्तु किया है की के अनुसार के लिए को कोई क्योंकि गया है चैतन्य जगत् जा जाती जिस जीव जैसे जो ज्ञान ज्ञान के टीका तथा तात्पर्य तो दोनों द्वारा नहीं है नहीं होता निवृत्ति न्याय पद पदार्थ पृ० प्रतिबिम्ब प्रतीति प्रत्यक्ष प्रमाण बिन्दु ब्रह्म भी भेद भ्रम मधुसूदन सरस्वती ने मानते हैं माना माया में में भी मोक्ष यदि यह या रत्नावली रूप से वह वही वाचस्पति मिश्र विषय वृत्ति व्याख्या शंकर शक्ति शब्द शरीर शुद्ध श्रुति सकता है सम्बन्ध सहित साक्षी सिद्ध सिद्धान्त सिद्धान्तबिन्दु ही ही है हुआ हुए है और है कि हैं हो जाता है होता है होती होते होने पर होने से

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